नई दिल्ली, 27 अगस्त (हि.ला.)। भारतीय संसद के 100 गौरवशाली वर्षों के उपलक्ष्य में दिल्ली विधानसभा परिसर में आयोजित विशेष प्रदर्शनी “वीर विठ्ठलभाई की गौरव गाथा” को जनता के लिए खोल दिया गया है। उद्घाटन के कुछ ही दिनों में यह प्रदर्शनी छात्रों, परिवारों, विद्वानों और नागरिकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सभी विधायकों से आग्राह किया है कि वे अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में इस प्रदर्शनी का प्रचार करें ताकि अधिकतम नागरिक, विशेष रूप से स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राएँ, इसका लाभ उठा सकें और भारत की संसदीय विरासत को गहराई से समझ सकें।
छात्रों और युवाओं ने प्रदर्शनी में विशेष उत्साह दिखाया है। वे विठ्ठलभाई पटेल की प्रतिमा और ऐतिहासिक विधानसभा भवन के साथ तस्वीरें खींचते नजर आए। विशेष रूप से बनाए गए सेल्फ़ी प्वॉइंट्स–"इतिहास का एक पल" और "आज़ादी की आवाज़ें" —युवाओं के बीच लोकप्रिय हो गए हैं। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मदन मोहन मालवीय और गोपाल कृष्ण गोखले की जीवंत प्रतिमाओं के साथ तस्वीरें खिंचवाकर लोग इस ऐतिहासिक क्षण को संजो रहे हैं।इतिहास के विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए यह प्रदर्शनी एक खजाने के समान है। इसमें महात्मा गांधी, विठ्ठलभाई पटेल और स्वतंत्रता आंदोलन के अन्य महान नेताओं के बीच आदान-प्रदान हुए दुर्लभ पत्र, भाषण और अभिलेखीय तस्वीरें शामिल हैं। ये अनमोल धरोहरें दिल्ली के राष्ट्रीय अभिलेखागार से विशेष रूप से लाई गई हैं और पहली बार जनता के सामने प्रदर्शित की जा रही हैं। यह अवसर नागरिकों को भारत की लोकतांत्रिक यात्रा और विधानसभा भवन की समृद्ध धरोहर को गहराई से समझने का अवसर प्रदान कर रहा है।
यह प्रदर्शनी केवल इतिहास दिखाती ही नहीं, बल्कि उसे अनुभव कराने का अवसर भी देती है। अत्याधुनिक वर्चुअल रियलिटी (VR) ज़ोन, स्वतंत्रता सेनानियों की जीवंत प्रतिमाएँ, दुर्लभ दस्तावेज़, और भारत की लोकतांत्रिक यात्रा पर आधारित विशेष डॉक्यूमेंट्री, सभी आयु वर्ग के दर्शकों के लिए सीखने और जानने का अद्भुत अनुभव प्रस्तुत कर रहे हैं।
वर्चुअल रियलिटी ज़ोन प्रदर्शनी का सबसे लोकप्रिय आकर्षण बन गया है। यहां आगंतुक लंबे समय तक कतारों में खड़े होकर संविधान सदन, दिल्ली विधानसभा और नए संसद भवन के जीवंत पुनर्निर्माण को देख रहे हैं। कई आगंतुकों ने इसे “इतिहास की समय-यात्रा” और अपने दौरे का सबसे यादगार हिस्सा बताया।
अनुभव को और समृद्ध करते हुए, आज़ादी से पहले और बाद के भारत पर आधारित विशेष डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शित की जा रही हैं। इस डॉक्यूमेंट्री का वॉयस-ओवर राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता अनुपम खेर ने किया है, जिसने दर्शकों को सरल, रोचक और प्रेरक ढंग से भारतीय लोकतंत्र के विकास की यात्रा से अवगत कराया।
यह प्रदर्शनी 31 अगस्त 2025 तक प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से सायं 6 बजे तक दिल्ली विधानसभा परिसर में जनता के लिए खुली रहेगी। प्रवेश निःशुल्क है ताकि हर नागरिक आसानी से इसमें भाग ले सके।
गुप्ता ने कहा कि “जनता में, विशेषकर छात्रों और युवाओं में, जो उत्साह और उमंग हमने कुछ ही दिनों में देखा है, वह वास्तव में हृदयस्पर्शी है। मैं प्रत्येक नागरिक से आग्रह करता हूँ कि वे इस ऐतिहासिक प्रदर्शनी को अवश्य देखें और अनुभव करें। यह केवल हमारी लोकतांत्रिक विरासत को नमन नहीं है, बल्कि भारत के भविष्य के निर्माण के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।”
नागरिक इस प्रदर्शनी से केवल तस्वीरें ही नहीं, बल्कि भारत के लोकतंत्र की जड़ों से जुड़ने का नवीन गर्व, ज्ञान और प्रेरणा भी अपने साथ लेकर लौट रहे हैं। अनेक आगंतुकों ने सराहना की है कि इस प्रदर्शनी ने तकनीक और इतिहास को जोड़कर इसे शिक्षाप्रद और रोचक बना दिया है।