हर्षवर्धन श्रृंगला ने नेपाल के हालात पर जताई चिंता, कहा- शांति और स्थिरता जरूरी

हर्षवर्धन श्रृंगला ने नेपाल के हालात पर जताई चिंता, कहा- शांति और स्थिरता जरूरी

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नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)। नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन मंगलवार को लगातार दूसरे दिन भी जारी रहे। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पों ने देश में तनाव बढ़ा दिया है। इस बीच भारत ने अपने पड़ोसी देश में शांति और स्थिरता की अपील की है।

राज्यसभा सांसद और पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने नेपाल के हालात पर चिंता जताते हुए कहा, “मैं समझता हूं कि भारत के लिए हमारे निकट पड़ोस में शांति और स्थिरता बहुत महत्वपूर्ण है, मैं समझता हूं कि नेपाल के साथ-साथ नेपाल की सीमा से लगे हमारे देश के लोगों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि कानून-व्यवस्था और सामान्य स्थिति यथाशीघ्र बहाल हो।"

भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता जारी रखने संबंधी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के पोस्ट पर पूर्व विदेश सचिव और राज्यसभा सांसद हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि हम अमेरिकी राष्ट्रपति के पिछले दो पोस्ट को सकारात्मक मानते हैं। हम देशों के बीच तनाव का समाधान ढूंढ सकते हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारे (भारत के) संबंध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी के साथ, खासकर अमेरिका के साथ बहुत अच्छे हैं। पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच व्यक्तिगत तौर पर भी बहुत अच्छे संबंध हैं। यह हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर सकारात्मक प्रभाव डाल रहा है और हमें इसे आगे बढ़ाना चाहिए। व्यापार वार्ता से देशों के बीच तनाव कम करने में मदद मिलेगी।

हर्षवर्धन श्रृंगला ने ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआईएमए) अवार्ड्स के राष्ट्रीय अधिवेशन में हिस्सा लेने को लेकर कहा, “एआईएमए के राष्ट्रीय अधिवेशन में उपस्थित होना मेरे लिए अत्यंत खुशी की बात है। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण शीर्ष प्रबंधन निकाय है। यह हमारे देश में नीति, उद्यम और विचार नेतृत्व के बीच सदैव एक महत्वपूर्ण सेतु रहा है। मुझे लगता है कि हमारे देश के शीर्ष औद्योगिक नेताओं के एक बहुत बड़े वर्ग से मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात रही है।

उन्होंने भारत की आर्थिक प्रगति पर जोर देते हुए कहा कि जीएसटी सुधारों ने उपभोक्ताओं और उद्योगों को राहत दी है। ये सुधार न केवल उत्पादन बढ़ाने में मदद करेंगे, बल्कि अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी शुल्कों से प्रभावित उद्योगों को भी सहायता प्रदान करेंगे। हमारी आर्थिक नींव मजबूत है और हमें 2047 तक विकसित भारत के विजन को साकार करने के लिए विकास की गति बनाए रखनी होगी।”

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