वैश्विक चुनौतियों के बाद भी वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही मजबूत रही विकास दर : पीएचडीसीसीआई

वैश्विक चुनौतियों के बाद भी वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही मजबूत रही विकास दर : पीएचडीसीसीआई

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नई दिल्ली, 29 अगस्त (आईएएनएस)। इंडस्ट्री बॉडी पीएचडीसीसीआई ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में देश की विकास दर का 7.8 प्रतिशत पर रहना अर्थव्यवस्था की मजबूत स्थिति को दर्शाता है।

चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में देश की जीडीपी विकास दर 7.8 प्रतिशत रही है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के आंकड़े 6.5 प्रतिशत से अधिक है। इस वृद्धि की वजह सर्विसेज सेक्टर का अच्छा प्रदर्शन था। इसके साथ मैन्युफैक्चरिंग और कृषि क्षेत्र की विकास दर भी मजबूत रही है।

वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में सर्विसेज सेक्टर की वृद्धि दर 9.3 प्रतिशत रही है। वहीं, मैन्युफैक्चरिंग की वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत और कृषि एवं इससे जुड़े हुए सेक्टर की विकास दर 3.7 प्रतिशत रही है। इसकी वजह अच्छा मानसून था।

पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा कि भारत की स्थिर वृद्धि मजबूत आधार को दर्शाती है, जिसमें मुद्रास्फीति आठ साल के निचले स्तर पर है, ग्रामीण मांग में सुधार हो रहा है और शहरी खपत में सुधार हो रहा है।

इसके साथ ही, ब्याज दरों में गिरावट, सरकारी पूंजीगत व्यय में वृद्धि और मजबूती निजी निवेश ने भारत की अर्थव्यवस्था के आउटलुक को और मजबूत किया है।

वहीं, हाई फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर्स भी भारत की मजबूत आर्थिक तस्वीर पेश कर रहे हैं।

भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 17.5 वर्षों के उच्चतम स्तर पर है और सर्विसेज पीएमआई 11 महीने के ऊंचाई पर है।

इसके अलावा, रोजगार सर्जन भी रिकॉर्ड स्तर पर बना हुआ है और औपचारिक क्षेत्र में 22 लाख नए रोजगार पैदा हुए हैं, जिसमें 18-25 आयु वर्ग के लोगों की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत है।

सीमेंट उत्पादन में 8.9 प्रतिशत और स्टील खपत में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सीमेंट और स्टील की खपत में वृद्धि दिखाती है कि अर्थव्यवस्था में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर तेज गति से काम हो रहा है।

वहीं, एसएंडपी की ओर से भारत की क्रेडिट रेटिंग को 18 वर्षों में पहली बार अपग्रेड किया गया है और महंगाई भी आठ वर्षों के निचले स्तर पर पहुंच गई है, जो दिखाता है कि अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है।

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