नई दिल्ली, 31 अगस्त (हि.ला.)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज ऐतिहासिक लाल किला मैदान में राजधानी में पहली बार आयोजित भव्य दसलक्षण पर्व उत्सव में सम्मिलित होकर जैन समाज और उपस्थित श्रद्धालुओं के साथ अपनी आस्था और भावनाएं साझा कीं। इस अवसर पर उन्होंने पूज्य गुरुदेव के श्रीचरणों में नमन कर संपूर्ण दिल्ली के लिए मंगलकामना की। मुख्यमंत्री ने इसके अलावा शालीमार बाग स्थित दिगंबर जैन मंदिर में दशलक्षण पर्व महापर्व भी शामिल हुईं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दिल्ली पावन हो गई है क्योंकि गुरुजी के चरण कमल राजधानी की धरती पर पड़े हैं। मुख्यमंत्री ने दशलक्षण पर्व को जैन समाज का अद्भुत उत्सव बताते हुए कहा कि यह पर्व तप, त्याग, संयम और संकल्प की परंपरा को जीवंत करने वाला अवसर है। उन्होंने आगे कहा कि इन दस दिनों में जैन समाज के तपस्वी भाई-बहन जिस प्रकार कठोर व्रत और संयम का पालन करते हैं, वह पूरे समाज के लिए प्रेरणादायी उदाहरण है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि आम जीवन में थोड़ा-सा संयम और इंद्रियों पर नियंत्रण अपनाया जाए, तो अनेक सामाजिक और व्यक्तिगत समस्याएं स्वतः समाप्त हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि धर्म का मार्गदर्शन ही मनुष्य को वास्तविक अर्थों में मानव बनाता है। धर्म ही सृष्टि की रक्षा करता है और गुरुजनों का ज्ञान ही पीढ़ियों को अधर्म से बचाता है।
लाल किला मैदान में उपस्थित जैन समाज के प्रतिनिधियों और श्रद्धालुओं को धन्यवाद देते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह पर्व केवल जैन समाज का नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए आदर्श है। उन्होंने कहा कि धर्म का यह संदेश त्याग, तप और संयम, आज की युवा पीढ़ी को आत्मसंयम, शांति और राष्ट्र निर्माण की दिशा में प्रेरित करने वाला है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने गुरुजनों से आशीर्वाद लेते हुए निवेदन किया कि वे आगामी पंचकल्याणक महोत्सव में भी अपनी उपस्थिति से दिल्ली को पावन करें। इस अवसर पर बड़ी संख्या में जैन समाज के श्रद्धालु, संत-विद्वान और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। शालीमार बाग स्थित जैन मंदिर में भी आयोजित दशलक्षण महापर्व इस पर्व को देश व समाज के लिए एक आदर्श पर्व बताया।