नई दिल्ली, 9 सितंबर (हि.ला.)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने डीएम, एसडीएम, सब रजिस्ट्रार आदि (राजस्व विभाग) के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि आपको ईमानदारी, जनहित व पारदर्शिता से काम करना चाहिए, क्योंकि आपकी इमेज के साथ ही सरकार की इमेज भी तय होती है। मुख्यमंत्री का यह भी कहना है कि आपने कांवड़ यात्रा व बाढ़ के दौरान उल्लेखनीय काम कर उदाहरण पेश किए हैं। उम्मीद है कि इस तरह के कार्य आगे भी करते रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने इन उच्च अधिकारियों से यह भी कहा कि आपके सही निर्णयों में वह आपके साथ हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि प्रशासनिक कार्यप्रणाली में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने के लिए शीघ्र ही वार्षिक पुरस्कार की शुरुआत की जाएगी, जिसके अंतर्गत हर वर्ष उन अधिकारियों और विभागों को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने अपने कार्यक्षेत्र में अनुकरणीय प्रदर्शन किया है।
दिल्ली सचिवालय में आयोजित इस समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव धर्मेंद्र, डिविजनल कमिश्नर नीरज सेमवाल व अन्य आला अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की प्राथमिकताओं की जानकारी दी और बताया राजधानी को सही मायनों में ‘विकसित दिल्ली’ बनाने के लिए तेज गति से मेहनत करनी होगी। इसके लिए आप लोगों के सहयोग से प्रशासनिक व्यवस्था को प्रभावी बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उन अधिकारियों की सराहना कि जिन्हांने राजधानी में बाढ़ जैसी आपात स्थिति को संभालने और कांवड़ यात्रा प्रबंधन में 24 घंटे समर्पण भाव से काम लिया। मुख्यमंत्री ने बैठक में डिविजनल कमिश्नर सहित डीएम चैतन्य, अमोल श्रीवास्तव, जी. सुधाकर के कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में आप लोगों को रामलीला और दुर्गा पूजा जैसे आयोजनों में कांवड़ प्रबंधन की तरह ही सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करनी होंगी ताकि जनता को किसी प्रकार की असुविधा न हो। मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश कि सभी आवश्यक अनुमतियां समयबद्ध रूप से उपलब्ध कराई जाएं और सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता तथा यातायात प्रबंधन की पूरी जिम्मेदारी के साथ देखभाल की जाए।
इस उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राजधानी में सरकारी ज़मीनों पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण नहीं होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिए कि कब्ज़ा हटाने, बाउंड्री वॉल बनाने और भविष्य में अवैध कब्ज़ा रोकने के ठोस उपाय किए जाएं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों का आचरण ही सरकार का प्रतिबिंब है, जहां उनकी ईमानदारी सरकार की साख को मजबूत करती है, वहीं उनकी लापरवाही से सरकार की आलोचना होती है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रत्येक जिले में नियमित जनसुनवाई आयोजित की जाए, ताकि आम नागरिकों की समस्याओं का सीधे समाधान किया जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन जनसुनवाई कार्यक्रमों का विस्तृत शेड्यूल मुख्यमंत्री कार्यालय को समयबद्ध रूप से उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री ने लंबित प्रमाणपत्रों (आय, जाति आदि) का निपटारा शीघ्र करने के आदेश दिए। उन्होंने अधिकारियों से प्रमाणपत्रों से संबंधित नीतियों में सुधार करने के लिए सुझाव भी देने को कहा। मुख्यमंत्री ने उन्हें यह भी आदेश दिए कि बाढ़ से जिन किसानों की खेती को नुकसान पहुंचा है, उनकी सूची तैयार की जाए ताकि सरकार की ओर से उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए।