भारत और अमेरिका मिलकर एक मजबूत, बैलेंस्ड और परिवर्तनकारी साझेदारी को दे सकते हैं आकार : अमिताभ कांत

भारत और अमेरिका मिलकर एक मजबूत, बैलेंस्ड और परिवर्तनकारी साझेदारी को दे सकते हैं आकार : अमिताभ कांत

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नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)। भारत के पूर्व जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने बुधवार को कहा कि भारत और अमेरिका मिलकर एक मजबूत, बैलेंस्ड और परिवर्तनकारी साझेदारी को आकार दे सकते हैं।

उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता फिर से शुरू करने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कमेंट पर अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

कांत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "आगे का रास्ता ऐसे फ्रेमवर्क बनाने से जुड़ा है, जो दूरदर्शी हों और दोनों देशों के लिए फायदेमंद हों।"

उन्होंने आगे कहा, "भारत और अमेरिका मिलकर एक ऐसी साझेदारी को आकार दे सकते हैं जो मजबूत, संतुलित और वास्तव में परिवर्तनकारी हो।"

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में दोनों देशों के बीच व्यापार बाधाओं को दूर करने के उद्देश्य से चर्चा फिर से शुरू करने का एलान किया।

ट्रंप की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, "भारत और अमेरिका घनिष्ठ मित्र और स्वाभाविक साझेदार हैं। मुझे विश्वास है कि हमारी व्यापार वार्ताएं भारत-अमेरिका साझेदारी की असीम संभावनाओं को उजागर करने का मार्ग प्रशस्त करेंगी।"

कांत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत की है।

कांत ने कहा, "2014 से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत रूप से भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।"

उन्होंने आगे कहा, "हमें साझा मूल्यों, समान हितों और इस बात की मान्यता पर आधारित इन प्रयासों को आगे बढ़ाना चाहिए कि हमारा सहयोग वैश्विक स्थिरता और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।"

ट्रंप ने मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी को अपना बहुत अच्छा दोस्त बताया और कहा कि वह आने वाले हफ्तों में उनसे बात करने के लिए उत्सुक हैं।

उन्होंने आगे कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि दोनों महान देशों के लिए एक सफल निष्कर्ष पर पहुंचने में कोई कठिनाई नहीं होगी।"

दोनों देशों के बीच आपसी गहमागहमी तब बढ़ी जब अमेरिका ने भारत पर रूसी तेल खरीदने को लेकर एडिशनल 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया। भारत पर यह टैरिफ 27 अगस्त से लागू है।

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