नई दिल्ली, 29 अगस्त (हि.ला.)। दिल्ली एक ऐसा शहर है, जहाँ पकवान कला के अनुभव अक्सर क्षणभंगुर होते हैं, "स्वाद सूत्र" एक शाश्वत उत्सव स्वादों, यादों और विरासत का उत्सव के रूप में उभरा है। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के व्यंजनों का एक ऐसे युग में जहां खाद्य रुझान आते-जाते रहते हैं, पर "स्वाद सूत्र" शाश्वतता का प्रतीक बनकर उभरा है, जो स्वाद, यादों और समृद्ध विरासत का जीवंत उत्सव प्रस्तुत करता है। यह महोत्सव रेडिसन ब्लू होटल न्यू दिल्ली पश्चिम विहार में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के विविध व्यंजनों को विशेष श्रद्धांजलि दी जा रही है। यह मेहमानों को उत्तर भारतीय संस्कृति की गहराई में एक स्वादिष्ट यात्रा पर ले जाता है।
यह पहल उन भूली हुई रेसिपीज और प्राचीन पाक परंपराओं को पुनर्जीवित करने की साझा प्रेरणा से शुरू की गई थी। रेडिसन ब्लू के जनरल मैनेजर, अनुज सॉइन ने बताया कि, “हम ऐसा कुछ बनाना चाहते थे जो केवल खाद्य सेवा न करे, बल्कि एक कहानी सुनाए। स्वाद सूत्र सांस्कृतिक उत्सव मनाने, पीढ़ियों के बीच के संबंध को जोड़ने और हमारे मेहमानों को एक ऐसा अनुभव प्रदान करने के बारे में है जो नया भी हो और यादगार भी।”
"स्वाद सूत्र" का नाम, जिसका अर्थ है “स्वाद का धागा,” विभिन्न क्षेत्रीय रसोईयों के बीच जटिल संबंधों का प्रतीक है, जो सभी एक सामान्य आतिथ्य और परंपरा की धड़कन से संबंधित हैं। यह महोत्सव पंजाब के हरे सरसों के खेतों, हरियाणा के उपजाऊ खेतों और राजस्थान के शाही दरबारों से प्रेरणा लेते हुए एक ही थाली में कई तरह के बोल्ड, रस्टिक और लग्जरियस स्वादों को पेश करता है।
मेहमानों को कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद मिलेगा, जिनमें पंजाब का मक्खनी बठिंडा चिकन और धुएँदार बेसन मसाला रोटी, हरियाणा की पौष्टिक बाजरा खिचड़ी और चटपटा राजमा रसमीसा, और राजस्थान का प्रतिष्ठित मोहन मास, केर सांगरी और दाल बाटी चूरमा शामिल है। हर व्यंजन अपने क्षेत्र के लिए एक प्रेम पत्र की तरह चमकता है।
इस उत्सव में पकवान के उस्ताद शेफ संजीव कुमार नंदी ने बताया, "इन व्यंजनों को बनाना बिना शब्दों के कहानी कहने जैसा है - हर मसाले, हर उबाल का एक इतिहास है, और हर निवाले की एक याद है।"
28 अगस्त से 7 सितंबर 2025 तक लेवल 2 पर चलने वाले इस स्वाद सूत्र में एक विशेष ब्लॉगर टेबल भी होगी, जो खाद्य प्रेमियों को उत्तर भारत के हृदय में सबसे स्वादिष्ट अनुभव में शामिल होने का आमंत्रण देती है। इसके मूल में स्वाद सूत्र एक ऐसा महोत्सव है जो न केवल शरीर को पोषण करता है, बल्कि आत्मा को भी पोषण देता है, एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करता है जो उत्तर भारतीय व्यंजनों की परंपरा और आतिथ्य की गूंज है।