डिजिटल अरेस्ट से ठगी, 300 करोड़ का ट्रांजेक्शन, दुबई-चीन से जुड़े हैं तार, 'सूरत मॉड्यूल' का खुलासा

डिजिटल अरेस्ट से ठगी, 300 करोड़ का ट्रांजेक्शन, दुबई-चीन से जुड़े हैं तार, 'सूरत मॉड्यूल' का खुलासा

Share this post:

 

अहमदाबाद, 19 अगस्त (आईएएनएस)। साइबर अपराध शाखा ने देशभर में फैले एक बड़े डिजिटल अरेस्ट गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसने कई करोड़ रुपए की साइबर ठगी को अंजाम दिया है। पुलिस अधिकारियों ने खुलासा किया है कि इस गिरोह के तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले हुए हैं और मुख्य आरोपी मिलन दुबई में रहकर चीन स्थित साइबर गिरोह के साथ मिलकर काम कर रहा है।

अहमदाबाद के ज्वाइंट सीपी (क्राइम) शरद सिंघल ने जानकारी दी कि अभी सिर्फ सूरत मॉड्यूल का खुलासा हुआ है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस साल जनवरी में अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने 54 लाख रुपये की धोखाधड़ी के एक मामले में इस गिरोह का खुलासा किया था। अब तक इस नेटवर्क से जुड़े 7 लोगों की पहचान हो चुकी है, जिनमें से कुछ को हिरासत में लिया गया है और कुछ को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

उन्होंने बताया कि गुजरात के गांधीधाम और अहमदाबाद में भी डिजिटल अरेस्ट की शिकायतें दर्ज की गई थीं। अहमदाबाद में एक शिकायतकर्ता से 32 लाख रुपये और गांधीधाम में एक अन्य मामले में 1.5 करोड़ रुपये की ठगी की गई थी। पूरे देश में इस गिरोह के खिलाफ 404 शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें से दो मामलों में अकेले 16 करोड़ रुपये की साइबर ठगी सामने आई है।

ज्वॉइंट सीपी (क्राइम) शरद सिंघल के मुताबिक, जांच में खुलासा हुआ है कि गिरोह ठगी की रकम को डमी खातों में ट्रांसफर करता था। फिर उसे हवाला और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए देश से बाहर भेज दिया जाता था। गिरोह के सदस्य अंगड़िया के माध्यम से सूरत से नासिर और बृजलाल को पैसे भेजते थे, जो उसे क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर दुबई में बैठे मिलन को देते थे। मिलन चीन स्थित गिरोह के लिए काम करता है। वही उन लोगों को वॉलेट उपलब्ध कराता था।

शरद सिंघल ने खुलासा किया कि जांच में अब तक 300 करोड़ रुपए से अधिक की ट्रांजेक्शन का पता चला है। उन्होंने कहा कि हमें यह लगता है कि हमने सिर्फ सूरत के मॉडल का पर्दाफाश किया है, लेकिन देश में बहुत सारे मॉड्यूल हो सकते हैं, जिन्हें मिलन दुबई से बैठकर चीन स्थित गैंग के लिए चलाता है।

उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम ब्रांच ने पहली बार इस मामले में गुजसिटोक (गुजरात कंट्रोल ऑफ टेररिज्म एंड ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट) के तहत केस दर्ज किया है। सावंत और गोविंद को साइबर अपराध के आरोप में हिरासत में लिया गया है, जबकि धवल और बृजराज न्यायिक हिरासत में हैं। केवल और हसमुख दोनों जमानत पर हैं, उन्हें वापस हिरासत में लेने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

स्पेशल रिपोर्ट

Stay Connected

Popular News