जांच एजेंसियों को राजनीतिक उपकरण के तौर पर इस्तेमाल करना गलत : देवेंद्र यादव 

जांच एजेंसियों को राजनीतिक उपकरण के तौर पर इस्तेमाल करना गलत : देवेंद्र यादव 

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नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दिल्ली सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) नेता सौरभ भारद्वाज के आवास पर छापेमारी की। ईडी की यह छापेमारी दिल्ली अस्पताल निर्माण घोटाले से जुड़े मामलों की जांच को लेकर की गई।

 

 

ईडी की इस कार्रवाई ने दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और विपक्षी दलों ने इसे केंद्र सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध का हथियार बताया है।

 

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने इस छापेमारी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शिकायत होने पर जांच सामान्य है, लेकिन हाल के वर्षों में ईडी, आयकर विभाग और सीबीआई जैसी एजेंसियां केवल विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने का राजनीतिक उपकरण बन गई हैं। यह लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश है।"

 

उन्होंने कहा, "पिछले 11-12 वर्षों में इन एजेंसियों द्वारा दाखिल चार्जशीट की संख्या नगण्य है, और जो भी चार्जशीट दाखिल की गई, वे मुख्य रूप से विपक्षी नेताओं के खिलाफ हैं। यह पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित कार्रवाई है।"

 

देवेंद्र यादव ने आगे कहा कि ऐसी जांचों को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। लोकतांत्रिक एजेंसियों पर इस तरह का दबाव ठीक नहीं है। यह न केवल संस्थानों की विश्वसनीयता को कम करता है, बल्कि जनता का भरोसा भी तोड़ता है।

 

दिल्ली में बेरोजगारी और महंगाई की मार झेल रही जनता के मुद्दों को उठाते हुए देवेंद्र यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "भाजपा सुविधाओं के नाम पर व्यवस्था को कमजोर कर रही है और किराए के नाम पर आम लोगों की जेब काट रही है।"

 

उन्होंने दिल्ली में बसों की घटती संख्या पर चिंता जताई। देवेंद्र यादव ने कहा कि जनवरी 2024 में दिल्ली की सड़कों पर 8,240 बसें थी, जो जुलाई 2025 तक घटकर 5,835 रह गई है। खासकर सीएनजी बसों की संख्या 6,940 से घटकर 2,920 हो गई है। हालांकि, इलेक्ट्रिक बसों की संख्या में कुछ वृद्धि हुई है, लेकिन भाजपा द्वारा बजट में किए गए वादे पूरे होने से कोसों दूर हैं।

 

देवेंद्र यादव ने भाजपा की मुफ्त बस यात्रा की घोषणा पर भी सवाल उठाया और कहा, "महिलाओं के लिए मुफ्त बस की बात तो की जाती है, लेकिन पिछले डेढ़ साल में 2,400 बसें दिल्ली की सड़कों से गायब हो चुकी हैं। यह जनता के साथ धोखा है।"

 

 

 

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