जलवायु परिवर्तन के कारण 2050 तक एशिया और अमेरिका में डेंगू के मामले 76 प्रतिशत बढ़ जाएंगे: अध्ययन

जलवायु परिवर्तन के कारण 2050 तक एशिया और अमेरिका में डेंगू के मामले 76 प्रतिशत बढ़ जाएंगे: अध्ययन

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नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)। एक नए अध्ययन के अनुसार, वैश्विक तापमान में वृद्धि के कारण 2050 तक एशिया और अमेरिका के कई क्षेत्रों में डेंगू के मामलों में 76 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है।

वाशिंगटन, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालयों और अमेरिकी राष्ट्रीय आर्थिक अनुसंधान ब्यूरो के वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा किया गया यह शोध इस बात का पहला प्रत्यक्ष प्रमाण प्रस्तुत करता है कि बढ़ते तापमान ने पहले ही इस बीमारी के प्रसार को बढ़ा दिया है।

वाशिंगटन विश्वविद्यालय में एन्वारमेंटल हेल्थ की असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रमुख लेखिका मारिसा चाइल्ड्स ने कहा, "तापमान का प्रभाव मेरी अपेक्षा से कहीं अधिक था।"

उन्होंने आगे कहा, "तापमान में मामूली बदलाव भी डेंगू को फैलने में मदद करेगा। हम पहले से ही जलवायु परिवर्तन के प्रभाव देख रहे हैं।"

यह अध्ययन मध्य और दक्षिण अमेरिका के साथ ही दक्षिण पूर्व और दक्षिण एशिया के 21 देशों में किया गया। स्थानीय स्तर पर डेंगू की घटनाओं के 14 लाख से अधिक मामलों का विश्लेषण किया गया, जिसमें महामारी की बढ़ती दर और संक्रमण की पृष्ठभूमि, दोनों को शामिल किया गया।

डेंगू तापमान के "गोल्डीलॉक्स जोन" में पनपता है। केस लगभग 27.8 डिग्री सेल्सियस (82 डिग्री फैरेनहाइट) पर चरम पर होते हैं, ठंडे क्षेत्रों के गर्म होने पर यह तेजी से बढ़ता है, लेकिन पहले से ही गर्म क्षेत्रों की तय सीमा से अधिक होने पर थोड़ा कम हो जाता है।

परिणामस्वरूप, मेक्सिको, पेरू और ब्राजील जैसे देशों के ठंडे, अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों में सबसे ज्यादा वृद्धि का अनुमान है।

अध्ययन के अनुसार, कई अन्य एंडेमिक रीजन (स्थानिक क्षेत्र) में तापमान वृद्धि के कारण डेंगू के मामलों में वृद्धि जारी रहेगी।

'प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज' नामक पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्षों से पता चलता है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़े तापमान से 1995 से 2014 तक एशिया और अमेरिका के 21 देशों में औसतन 18 प्रतिशत डेंगू के मामले सामने आए - जो वर्तमान घटना अनुमानों के आधार पर सालाना 46 लाख से ज्यादा अतिरिक्त संक्रमणों के बराबर है।

अध्ययन के अनुसार, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन स्तर के आधार पर, 2050 तक मामले 49 प्रतिशत से बढ़कर 76 प्रतिशत हो सकते हैं।

अनुमानों के उच्च स्तर पर, कई ठंडे स्थानों में डेंगू के मामले दोगुने से भी ज्यादा हो जाएंगे, जिनमें अध्ययन किए गए देशों के वे क्षेत्र भी शामिल हैं जहां पहले से ही 26 करोड़ से अधिक लोग रहते हैं।

अध्ययन के अनुसार, जलवायु परिवर्तन को लेकर बढ़ी सजगता से डेंगू रोग के केस में काफी कमी आएगी। बेहतर मच्छर नियंत्रण, मजबूत स्वास्थ्य प्रणालियां, और नए डेंगू टीकों का व्यापक उपयोग भी इसकी रोकथाम के प्रति अनुकूल स्थिति पैदा करेगा।

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