नई दिल्ली, 1 सितम्बर (हि.ला.)। जम्मू क्षेत्र में तेज वर्षा, भूस्खलन और बाढ़ जैसी अभूतपूर्व स्थितियों से उत्पन्न हुई चुनौतियों का सामना करने और वहां फंसे यात्रियों को सकुशल बाहर निकालने के लिए उत्तर रेलवे ने दृढ़ता और अटूट प्रतिबद्धता की मिसाल पेश की।
जम्मू क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा के मद्देनज़र, उत्तर रेलवे के जम्मू मण्डल ने उल्लेखनीय दृढ़ता का परिचय देते हुए भारी वर्षा, भूस्खलन और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में यथास्थिति बहाल करने के लिए समन्वित कार्रवाई और निःस्वार्थ सेवा का उदाहरण प्रस्तुत किया।
आपदा के बाद के शुरुआती दिन बेहद चुनौतीपूर्ण थे। रेल यातायात बाधित था, प्रमुख राजमार्ग अवरुद्ध थे और अनेक इलाकों में बिजली और संचार लाइनें ठप थीं। माता वैष्णो देवी जाने वाले तीर्थयात्रियों सहित हजारों यात्री वहां फंसे हुए थे। इस आपदा से उत्पन्न परिस्थितियां किसी भी व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती थीं, किंतु जम्मू मण्डल ने आगे बढ़कर इस चुनौती को स्वीकार किया।
जम्मू मण्डल के कर्मठ कर्मचारियों ने अथक परिश्रम से राहत कार्य शुरू किया और अपने आराम की परवाह किए बिना जनता की भलाई को प्राथमिकता दी। रेल कर्मचारियों ने जम्मू तवी, श्री माता वैष्णो देवी, कटड़ा और पठानकोट रेलवे स्टेशनों पर राजकीय रेल पुलिस और जिला प्रशासन की मदद से पृथक हेल्प-डेस्क स्थापित किए। ये हेल्प-डेस्क फंसे हुए यात्रियों को न केवल सूचना मुहैया करा रहे थे, बल्कि उनके लिए उम्मीद की किरण भी बने हुए थे। उन्होंने गैर-सरकारी संगठनों और सिविल संगठनों की सहायता से भोजन, पानी और अस्थायी आवास की व्यवस्था की। कर्मचारियों ने विशेष रेलगाड़ियों के संचालन के लिए दिन-रात काम किया और हजारों यात्रियों को सफलतापूर्वक उनके गंतव्यों तक पहुंचाया। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित किया कि फंसे हुए लोगों की बेहतर देखभाल हो सके।
राहत व सहायता के इस कार्य में अन्य मण्डल व एजेंसियों ने भी सहयोग दिया। संकट की इस स्थिति में रेल प्रशासन ने अपने कर्मचारियों की देखभाल में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कर्मचारियों पर पड़ रहे भारी दबाव को समझते हुए, उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक और जम्मू मण्डल के मण्डल रेल प्रबंधक सहित वरिष्ठ रेल अधिकारी जमीनी स्तर पर मौजूद रहकर व्यक्तिगत रूप से राहत कार्यों की निगरानी कर रहे थे और कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा रहे थे।
रेल प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि कर्मचारियों के पास आवश्यक संसाधन उपलब्ध हों और उनका हित सर्वोच्च प्राथमिकता पर रहे। सभी स्तरों से मिले इस प्रत्यक्ष समर्थन ने साझा उद्देश्य की भावना पैदा की और इसमें शामिल सभी लोगों के संकल्प को और भी दृढ़ किया।
इस कठिन समय में जम्मू मण्डल का यह कार्य इंसानियत की एक बेहतरीन मिसाल है। यह एक समुदाय के एकजुट होने, सरकारी निकायों के निर्बाध सहयोग और दूसरों की सेवा के लिए अपनी जिम्मेदारियों से आगे बढ़कर काम करने वाले लोगों की कहानी है। यह हमें स्मरण दिलाती है कि विपरीत परिस्थितियों में भी सेवा और करुणा की भावना से काम किया जा सकता है और एक बड़ी आपदा से भी परस्पर सहयोग के साथ निपटा जा सकता है।