चुनाव आयोग ने की जनता दल (सेक्युलर) के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात, कई मुद्दों पर हुई चर्चा

चुनाव आयोग ने की जनता दल (सेक्युलर) के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात, कई मुद्दों पर हुई चर्चा

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नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों के साथ बैठक का सिलसिला जारी है। इस बीच, चुनाव आयोग ने गुरुवार को जनता दल (सेक्युलर) के प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा की। इस दौरान उन्होंने आयोग के समक्ष अपने सुझाव पेश किए।

ईसीआई के मुताबिक, मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधु और डॉ. विवेक जोशी ने गुरुवार को नई दिल्ली में स्थित निर्वाचन सदन में जनता दल (सेक्युलर) के राष्ट्रीय महासचिव केआर शिवकुमार के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने आयोग के सामने कुछ सुझाव रखे।

दरअसल, यह मुलाकात निर्वाचन आयोग द्वारा विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों के अध्यक्षों के साथ आयोजित की जा रही नियमित बैठकों का हिस्सा है।

इन बैठकों का उद्देश्य रचनात्मक चर्चा के माध्यम से राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय दलों के नेताओं को अपने सुझाव और चिंताएं सीधे आयोग के सामने रखने का अवसर प्रदान करना है।

यह पहल आयोग के उस व्यापक नजरिए का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य मौजूदा कानूनी ढांचे के तहत सभी हितधारकों के साथ मिलकर चुनावी प्रक्रिया को और मजबूत करना है।

चुनाव आयोग के मुताबिक, पिछले 150 दिनों में आयोग ने विभिन्न राजनीतिक दलों के 28,000 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ कुल 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की हैं। इनमें मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) द्वारा 40 बैठकें, जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) द्वारा 800 बैठकें और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (ईआरओ) द्वारा 3,879 बैठकें शामिल हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय और राज्यीय दलों के नेताओं के साथ 20 से अधिक बैठकें आयोजित की गई हैं।

इससे पहले, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू व डॉ. विवेक जोशी ने बीते मंगलवार को बीजू जनता दल (बीजद) के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी।

इसके अलावा, ईसीआई ने पिछले छह महीनों में 28 महत्वपूर्ण पहल की हैं।

ईसीआई के अनुसार, इन पहलों में हितधारकों के साथ सहभागिता, निर्वाचन प्रणालियों की स्वच्छता, प्रौद्योगिकी का उपयोग, मतदाता सूचियों की शुद्धता, मतदान में सुगमता और क्षमता निर्माण पर विशेष ध्यान दिया गया है।

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