चीनी घुसपैठ को लेकर जापान फिक्रमंद, सेनकाकू द्वीप पर सी-गार्डियन ड्रोन को किया तैनात

चीनी घुसपैठ को लेकर जापान फिक्रमंद, सेनकाकू द्वीप पर सी-गार्डियन ड्रोन को किया तैनात

Share this post:

 

नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। जापान का दावा है कि उसके अधिकार क्षेत्र में बार-बार चीनी जहाज जबरन घुस रहे हैं। इसे देखते हुए जापान ने पूर्वी चीन सागर में सेनकाकू द्वीपों पर नजर रखने के लिए एक बड़े तटरक्षक ड्रोन, सीगार्डियन को तैनात किया है।

जापान जिस सीगार्डियन ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है, वो अमेरिका निर्मित है। रिमोट से संचालित ये ड्रोन अत्याधुनिक रडार से लैस है। एमक्यू-9बी सीगार्डियन के इस्तेमाल से जापान को 4,740 वर्ग किलोमीटर के जल क्षेत्र पर सुरक्षा बनाए रखने में मदद मिल रही है।

सेनकाकू द्वीपों के प्रशासन का अधिकार जापान के पास है। लेकिन, चीनी तटरक्षक जहाज नियमित रूप से इन द्वीपों के पास से गुजरते हैं और इस पर अपना हक जताते हैं। चीन इस द्वीप को दियाओयू कहता है। 2024 में चीन के जहाज इन द्वीपों से 355 दिन गुजरे थे।

जापान का कहना है कि सेनकाकू द्वीपों की सुरक्षा के लिए ड्रोन का इस्तेमाल चीनी घुसपैठ के खिलाफ उसके आत्मरक्षा के संकल्प का प्रदर्शन है।

जापानी मीडिया के मुताबिक 'सीगार्डियन' अप्रैल से कई बार सेनकाकू के ऊपर से उड़ान भर चुका है। ड्रोन चीनी तटरक्षक जहाजों की निगरानी कर रहा है और तस्वीरें ले रहा है। इसे चीनी जहाजों को जापान के क्षेत्रीय जल में प्रवेश न करने की हवाई चेतावनी की तरह देखा जा रहा है। जापान तटरक्षक बल ने सेनकाकुस के आसपास ड्रोन अभियानों का खुलासा नहीं किया है।

लगभग 12 मीटर लंबे और 24 मीटर लंबे पंखों वाले सीगार्डियन को एक जमीनी संचालन केंद्र से पायलट चलाते हैं। ड्रोन द्वारा एकत्र की गई तस्वीरों और अन्य डेटा की जांच तटरक्षक अधिकारियों द्वारा की जाती है, जो निर्देश भी जारी करते हैं।

जापान तटरक्षक बल वर्तमान में तीन सीगार्डियन ड्रोन संचालित कर रहा है। मार्च 2026 तक चलने वाले वित्तीय वर्ष के दौरान दो और ड्रोन जोड़े जाएंगे। सीगार्डियन को पूर्वी चीन सागर, प्रशांत महासागर और जापान सागर में निगरानी अभियानों के लिए तैनात किया गया है, और इसे समुद्री संकट और आपदा प्रतिक्रिया के लिए भी तैनात किया गया है।

जनरल एटॉमिक्स एयरोनॉटिकल सिस्टम्स इंक द्वारा निर्मित, यह विमान 24 घंटे से भी अधिक समय तक लगातार उड़ान भर सकता है। एक ही उड़ान में, यह जापान के अनन्य आर्थिक क्षेत्र की बाहरी परिधि का पूरा चक्कर लगा सकता है।

स्पेशल रिपोर्ट

Stay Connected

Popular News