खगोलशास्त्री डॉ. के. सोमण की सलाह: चंद्रग्रहण में अंधविश्वासों से रहें दूर

खगोलशास्त्री डॉ. के. सोमण की सलाह: चंद्रग्रहण में अंधविश्वासों से रहें दूर

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ठाणे, 7 सितंबर (आईएएनएस)। पूरे भारत में रविवार को चंद्र ग्रहण लगेगा। 7 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा की रात को लगने वाला पूर्ण चंद्रग्रहण पूरे भारत से देखा जा सकेगा। खगोलशास्त्री डॉ. के. सोमण ने बताया कि इस दौरान किसी भी अंधविश्वास पर ध्यान न दें और वैज्ञानिक रूप से इसे परखने की कोशिश करें।

खगोलशास्त्री डॉ. के. सोमण ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि रविवार, 7 सितंबर को रात 9 बजकर 57 मिनट पर चंद्रग्रहण की शुरुआत होगी। रात 11 बजे से लेकर 12:23 के बीच चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया में आ जाएगा, जिससे पूर्ण चंद्रग्रहण का दृश्य दिखाई देगा। इस अवस्था में पूर्णिमा का पूरा चंद्रमा लालिमा लिए हुए, तांबे जैसे रंग का दिखाई देगा।

रात 12:23 पर चंद्रग्रहण समाप्त होने लगेगा और रात 1 बजकर 27 मिनट पर पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। यह पूर्ण चंद्रग्रहण साधारण आंखों से देखा जा सकता है। यह पूर्ण चंद्रग्रहण भारत के साथ-साथ पूरे एशिया, अफ्रीका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से भी देखा जा सकेगा।

उन्होंने अंधविश्वास पर भी प्रकाश डालते हुए कहा, "पुराने जमाने में लोग मानते थे कि इस दौरान पानी जिसमें चांद की परछाई पड़ जाए उसे फेंक देना चाहिए, लेकिन आज के समय में ऐसा नहीं है। वैज्ञानिक दृष्टि से इसे देखने की कोशिश करें। पहले तालाब आदि में भी तो उसकी परछाई पड़ती थी, तो क्या उसका जल फेंक दिया जाता था या उसमें नया जल आता था? इस तरह की बातों पर ध्यान न दें।"

लोग कहते हैं कि इस दौरान गर्भवती महिलाओं को कुछ काटना नहीं चाहिए। ऐसा करने वाली महिलाओं के बच्चे विकृत पैदा होते हैं, इसे भी उन्होंने सिरे से नकार दिया। डॉ. सोमण ने कहा, "ये सब अंधविश्वास हैं इन पर ध्यान न दें। चंद्रमा का इस दौरान अध्ययन करना चाहिए। इस वैज्ञानिक युग में हम सबको खगोलीय घटनाओं को समझना और परखना चाहिए। मन में जो अंधविश्वास हैं उन्हें दूर करना चाहिए।"

उन्होंने यह भी बताया कि अगला चंद्रग्रहण मंगलवार, 3 मार्च 2026 को होगा।

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