कोयल बार : कभी पिता बनना चाहते थे वेटलिफ्टर, बेटी ने गोल्ड जीतकर किया सपना पूरा

कोयल बार : कभी पिता बनना चाहते थे वेटलिफ्टर, बेटी ने गोल्ड जीतकर किया सपना पूरा

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हावड़ा, 27 अगस्त (आईएएनएस)। महज 17 वर्ष की कोयल बार ने अहमदाबाद में आयोजित कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में दो गोल्ड जीते। बेटी की सफलता देखकर कोयल के माता-पिता खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। न सिर्फ परिवार, बल्कि पड़ोसियों को भी कोयल के घर लौटने का बेसब्री से इंतजार है।

संकरैल स्थित धुलोगढ़ के बनर्जी पाड़ा की रहने वाली कोयल के पिता मिथुन चिकन शॉप चलाते हैं। मिथुन भी पहले एक वेटलिफ्टर थे, लेकिन इस खेल में ज्यादा सफलता हासिल नहीं कर सके। ऐसे में उन्होंने अपने बच्चों के जरिए खुद का सपना साकार करने का फैसला किया।

भले ही आर्थिक स्थिति बाधा बन रही थी, लेकिन पिता ने अपने बच्चों को वेटलिफ्टिंग की ट्रेनिंग दिलवाना जारी रखा। उनके लिए डाइट का इंतजाम किया।

कोयल ने साल 2018 में कोच अष्टम दास से इसके गुर सीखने शुरू किए। उन्होंने पंचला के देउलपुर में वेटलिफ्टिंग की। इसके बाद राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया।

फरवरी 2023 में कोयल का चयन पटियाला में राष्ट्रीय शिविर के लिए हुआ। कोयल ने पढ़ाई के साथ-साथ प्रैक्टिस भी जारी रखी। फिलहाल, कोयल 10वीं क्लास में पढ़ रही हैं।

मंगलवार को अहमदाबाद में आयोजित राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन चैंपियनशिप में कोयल ने 53 किलोग्राम वर्ग में दो स्वर्ण पदक जीते।

जब कोयल वेटलिफ्टिंग कर रही थीं, तो उनके माता-पिता और पड़ोसियों की नजरें टीवी स्क्रीन और अपने मोबाइल फोन पर टिकी थीं।

कोयल ने 53 किलोग्राम भारवर्ग में 188 किलोग्राम का पिछला रिकॉर्ड तोड़ते हुए 192 किलोग्राम वजन उठाया। उन्होंने स्नैच में 85 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 107 किलोग्राम भार उठाया।

कोयल ने युवा और जूनियर, दोनों वर्गों में गोल्ड जीते, जिसकी खबर मिलते ही पड़ोसी और रिश्तेदार उनके घर बधाई देने पहुंच गए।

कोयल के पिता मिथुन बार ने कहा, "मैं वेटलिफ्टिंग करता था, लेकिन मुझे ज्यादा सफलता नहीं मिल सकी। इसलिए अपनी बेटी और बेटे को इस खेल में लाया। मैंने गोल्ड जीतने के बाद बेटी से फोन पर बात भी की। मैं बेटी की सफलता से बहुत खुश हूं। मैं चाहता हूं कि कोयल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और आगे बढ़े।"

कोयल की मां श्राबंती ने कहा, "मैं चाहती हूं कि मेरी बेटी खेलों में और सफलता हासिल करे। कोयल को पटोल करी और हिल्सा मछली खाना बहुत पसंद है, लेकिन कैंप में उसे अपनी फेवरेट डिश नहीं मिलती। जब वो घर आएगी, तो उसके लिए ये बनाऊंगी।"

पड़ोसी चाहते हैं कि कोयल अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश के लिए मेडल जीते। राज्य के खाद्य प्रसंस्करण मंत्री अरूप रॉय ने बताया है कि घर लौटने पर कोयल का जोरदार स्वागत किया जाएगा, जिसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है।

आरएसजी

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