केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने ट्रंप के 'डेड इकोनॉमी' वाले बयान पर किया पलटवार

केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने ट्रंप के 'डेड इकोनॉमी' वाले बयान पर किया पलटवार

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नई दिल्ली, 1 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत विरोधी बयान 'डेड इकोनॉमी' का खंडन करते हुए देश के आर्थिक विकास पर प्रकाश डाला है, जिसे दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज माना गया है।

आर्टिकल में लिखा गया है, "किसी भी महान सभ्यता की परीक्षा उसके कठिन क्षणों में होती है। अतीत में जब भी संदेह हुआ, भारत ने हरित क्रांति, आईटी क्रांति और शिक्षा एवं उद्यम के माध्यम से लाखों लोगों के आत्मसम्मान को ऊपर उठाने के साथ जवाब दिया। 1991 के संकट से उदारीकरण आया और कोविड-19 महामारी से डिजिटल उछाल आया।"

आर्टिकल में कहा गया है, "आज का क्षण भी कुछ अलग नहीं है। भारत को 'डेड इकोनॉमी' कहने वाले संदेहियों के शोरगुल के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में तेज विकास, मजबूत बफर और व्यापक अवसर के साथ मजबूती की तथ्य-समृद्ध कहानी उभर रही है। यह विकसित भारत का क्षण है, ऊर्जा सुरक्षा और हरित ऊर्जा परिवर्तन प्राप्त करने की दिशा में भारत की अथक यात्रा का।"

केंद्रीय मंत्री पुरी ने लिखा कि यह एक ऐसी यात्रा है, जिसने भारत को नागरिकों की ईंधन आवश्यकताओं को पूरा करते हुए देखा है; दुनिया के कई हिस्सों में कठिन भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बावजूद ऊर्जा की उपलब्धता, अफोर्डिबिलिटी और सस्टेनेबिलिटी की तीन चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करते हुए देखा है।

केंद्रीय मंत्री पुरी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है, जो तेजी से बढ़ने को लेकर पहली और दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन से भी आगे निकल गई है। वर्तमान गतिरोध के अनुसार, भारत इस दशक के अंत से पहले जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "भारत की गति वैश्विक स्तर पर मायने रखती है। अनुमान बताते हैं कि भारत पहले से ही वैश्विक आर्थिक विकास में 15 प्रतिशत से अधिक का योगदान दे रहा है। प्रधानमंत्री ने एक स्पष्ट महत्वाकांक्षा रखी है कि जैसे-जैसे सुधार गहराते जाएंगे और नई क्षमताएं सामने आएंगी, भारत की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत तक बढ़ेगी।"

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