केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की शिकायतों के समाधान की व्यवस्था की समीक्षा की

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की शिकायतों के समाधान की व्यवस्था की समीक्षा की

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नई दिल्ली, 19 अगस्त (हि.ला.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कृषि भवन, नई दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक में, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के विभिन्न पोर्टल और कॉल सेंटर पर आने वाली किसानों की शिकायतों की समीक्षा की।

बैठक में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि योजनाओं का निर्माण जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी उनका उचित कार्यान्वयन भी है। उन्होंने कहा कि किसानों की जो भी समस्याएं विभिन्न पोर्टल्स के माध्यम से प्राप्त हो रही हैं, उनका उचित निराकरण समय पर करने की व्यवस्था होना चाहिए। व्यवस्था इतनी मजबूत हो चाहिए कि जब किसान भाई-बहन इन पोर्टल्स के माध्यम से हमसे संपर्क करें, तब उन्हें भरोसा हो कि उनकी समस्याओं का निराकरण जरूर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यवस्था यदि सही ढंग से नहीं चलती हो और खानापूर्ति मात्र रहे तो उसकी उपयोगिता सिद्ध नहीं हो पाती, इसलिए व्यवस्था को और सरल तथा मजबूत करना होगा, ताकि हमारे किसान भाई-बहनों को इसका समुचित लाभ मिल सकें और उनका हर तरह से समाधान हो सकें।

बैठक में किसानों की शिकायतों के सही निदान के तरीके और व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए दिशा-निर्देश देते हुए शिवराज सिंह ने अधिकारियों से पी.एम. किसान पोर्टल, किसान ई-मित्र, किसान कॉल सेंटर सहित विभिन्न प्लेटफार्म के जरिए मिल रही किसानों की समस्याओं की पूरी जानकारी ली और कहा कि अगले हफ्ते वे फिर से विस्तारपूर्वक समीक्षा करेंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री इन शिकायतों की नियमित समीक्षा करेंगे। साथ ही, समय-समय पर किसानों से भी बात करके जानेंगे कि उनकी समस्याओं का समाधान हुआ है या नहीं, ताकि वे पूरी तरह से संतुष्ट हो।

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान भी उन्होंने ऐसी व्यवस्था बनाई थी, जिसके बेहद सकारात्मक परिणाम मिले थे। शिवराज सिंह ने कहा कि समस्याओं के तत्काल और उचित निराकरण से ही किसानों में भरोसा कायम रहेगा। उन्होंने कहा कि किसानों की संतुष्टि ही हमारा मुख्य ध्येय है।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह लगातार फील्ड में किसानों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सीधे सुनने और उनके निराकरण का प्रयास कर रहे हैं। देशव्यापी विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान भी उन्होंने किसानों से सीधे संवाद करते हुए उनकी समस्याओं को सुना था और तुरंत उस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए थे। किसानों की तरफ से जो नकली खाद-बीज और कीटनाशक की समस्या बताई गई थी, उसके प्रति भी शिवराज सिंह चौहान ने सख्त रवैया अपनाते हुए, इस संबंध में सख्त कानून बनाने की बात कही है। इस संबंध में वे सिलसिलेवार बैठक ले रहे हैं और वरिष्ठ अधिकारियों को आकस्मिक छापेमारी के लिए भी शिवराज सिंह ने निर्देशित किया है।

मध्य प्रदेश के रायसेन में जिस दवाई के प्रयोग से किसान के खेत में फसल बर्बाद हुई और जहां शिवराज सिंह ने स्वयं निरीक्षण किया था, उस संबंध में भी एफआईआर दर्ज करवाई गई है और कंपनी का लाइसेंस निलंबित करने के लिए केंद्र के कृषि विभाग ने राज्य सरकार से कहा है।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने संदेश भी जारी करते हुए किसान कॉल सेंटर से माध्यम से किसान भाई-बहनों से अपनी शिकायतें टोल फ्री नंबर 18001801551 के जरिए रजिस्टर करवाने का आह्वान किया है।

आज की बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सचिव देवेश चतुर्वेदी भी शामिल हुए, जिन्होंने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह को विस्तार से जानकारी देने के साथ ही अपने सुझाव भी दिए। बैठक में कृषि मंत्रालय और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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