कांग्रेस अध्यक्ष ने की डॉ. मनमोहन सिंह फेलोशिप कार्यक्रम की शुरुआत

कांग्रेस अध्यक्ष ने की डॉ. मनमोहन सिंह फेलोशिप कार्यक्रम की शुरुआत

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नई दिल्ली, 23 अगस्त (हि.ला.)। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने आज कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. डॉ. मनमोहन सिंह बातें कम, काम ज्यादा करते थे। लेकिन मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बातें ज्यादा, काम कम करते हैं।

 

मल्लिकार्जुन खरगे शनिवार को इंदिरा भवन स्थित कांग्रेस मुख्यालय में अखिल भारतीय प्रोफेशनल्स कांग्रेस द्वारा शुरू किए गए डॉ. मनमोहन सिंह फेलोशिप कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय प्रोफेशनल्स कांग्रेस के चेयरमैन प्रवीण चक्रवर्ती ने की।

 

डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल को याद करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनके समय में संसद की कार्यवाही के दौरान वे हमेशा सदन में मौजूद रहते थे और विपक्ष के सवालों का जवाब देते थे, जबकि आज के प्रधानमंत्री इसे अपनी तौहीन समझते हैं। उन्होंने कहा कि जितना काम डॉ.मनमोहन सिंह के कार्यकाल में हुआ, उसका दस प्रतिशत भी पिछले 11 सालों में नहीं हुआ है। 

 

उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज किसानों की हालत खराब है। किसान आंदोलन में 700 किसान शहीद हो गए। पब्लिक सेक्टर खत्म होने के कगार पर है। नौकरियां खत्म हो रही हैं। बेरोजगारी और असमानता चरम पर है। लोकतांत्रिक संस्थाओं पर कब्जे और हमले हो रहे हैं। 

 

खरगे ने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से ही प्रोफेशनल्स और बुद्धिजीवियों को महत्व देती रही है। उन्होंने 1885 में कांग्रेस की स्थापना का जिक्र किया और कहा कि तब वकील, अध्यापक, डॉक्टर, इंजीनियर और वैज्ञानिक इसके केंद्र में थे। उन्होंने महात्मा गांधी, नेहरू, सरदार पटेल और सरोजिनी नायडू जैसे नेताओं का उदाहरण दिया, जिन्होंने अपना शानदार करियर छोड़कर देश की सेवा की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा प्रोफेशनल्स को जगह दी और उनकी काबिलियत का सम्मान किया। डॉ. मनमोहन सिंह इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का भी जिक्र किया, जो राजनीति में आने से पहले पायलट थे।

 

कांग्रेस अध्यक्ष ने यूपीए शासनकाल (2004-2014) को भारतीय इतिहास में एक अलग और बदलाव का दौर बताया। उन्होंने सोनिया गांधी के नेतृत्व में पेशेवरों की मदद से हुए ऐतिहासिक फैसलों का उल्लेख किया, जिनमें सूचना का अधिकार, मनरेगा, शिक्षा का अधिकार, खाद्य सुरक्षा कानून और वनाधिकार कानून शामिल हैं। उन्होंने बताया कि डॉ मनमोहन सिंह ने 2008 की वैश्विक मंदी का असर भारत पर नहीं पड़ने दिया और इस दौरान भारत की औसत जीडीपी वृद्धि दर आठ प्रतिशत रही।

 

उन्होंने यह भी बताया कि आधार कार्ड पर काम उसी दौरान शुरू हुआ था और 2014 तक आधे से ज़्यादा ग्रामीण घरों में बैंक खाते खुल चुके थे। इसके अलावा उन्होंने यूपीए सरकार के डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर और डिजिटल क्रांति की नींव रखने तथा किसानों की 70,000 करोड़ की कर्ज माफी जैसे महत्वपूर्ण फैसलों का भी ज़िक्र किया।

 

खरगे ने 1300 से ज्यादा आवेदकों में से चुने गए 50 फेलोज को बधाई देते हुए कहा कि इन सभी पर मनमोहन सिंह की विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है। 

 

उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने वोट चोरी के मुद्दे को उजागर करने के लिए डेटा एक्सपर्ट्स की मदद ली। उन्होंने कहा कि यह अब राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है और राहुल गांधी इसे लेकर बिहार में यात्रा कर रहे हैं। कोर्ट ने भी बिहार में एसआईआर के मामले में रुचि दिखाई और जनता के पक्ष में निर्णय दिया। उन्होंने कहा कि इसी तरह जाति जनगणना जैसे सामाजिक न्याय के मुद्दों पर भी हमें डेटा इकट्ठा करने और उसका विश्लेषण करने के लिए प्रोफेशनल्स के योगदान की जरूरत है।

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