ऑपरेशन चक्र-IV के तहत सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, अमेरिकी नागरिकों को निशाना बना रहे गिरोह का भंडाफोड़

ऑपरेशन चक्र-IV के तहत सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, अमेरिकी नागरिकों को निशाना बना रहे गिरोह का भंडाफोड़

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नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ऑपरेशन चक्र-IV के तहत एक बड़ी साइबर ठगी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह 2023 से अमेरिकी नागरिकों को निशाना बना रहा था और वर्चुअल करेंसी (जैसे बिटकॉइन) के जरिए धोखाधड़ी करता था। इस कार्रवाई में सीबीआई ने अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई के साथ मिलकर काम किया।

2023 से 2025 के बीच आरोपियों ने एक साजिश के तहत अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाया। वे बिना इजाजत उनके कंप्यूटर और बैंक खातों तक पहुंच बना लेते थे। टेक्निकल सपोर्ट देने के बहाने वे पीड़ितों को झूठी जानकारी देते थे कि उनके बैंक खातों को हैक कर लिया गया है और उनका पैसा खतरे में है। उन्होंने डरा और गुमराह करके पीड़ितों से करीब 40 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 330 करोड़ रुपए) की रकम अपने नियंत्रित वाले क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट्स में ट्रांसफर करवा ली।

सीबीआई के इंटरनेशनल ऑपरेशन डिवीजन ने 18 अगस्त को मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। सीबीआई ने आरोपियों से जुड़े कई स्थानों पर व्यापक तलाशी अभियान चलाया, जिसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण अपराधी साक्ष्य प्राप्त हुए।

सीबीआई ने अमृतसर (पंजाब) में एक अवैध कॉल सेंटर पर छापा मारकर 34 लोगों को रंगे हाथों पकड़ा, जो साइबर ठगी में शामिल थे। यह कॉल सेंटर एम/एस डिजीकैप्स द फ्यूचर ऑफ डिजिटल के नाम से ग्लोबल टावर, खालसा कॉलेज फॉर वुमन के सामने चलाया जा रहा था। सीबीआई ने कार्रवाई के दौरान कॉल सेंटर को बंद करवा दिया और वहां से तलाशी के दौरान 85 हार्ड डिस्क, 16 लैपटॉप और 44 मोबाइल फोन जब्त किए गए, जिनमें अपराध से संबंधित डिजिटल साक्ष्य थे।

सीबीआई ने 20 अगस्त से अमृतसर और दिल्ली में कई जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान यह पता चला कि अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह धोखाधड़ी से कमाए गए पैसों को वर्चुअल करेंसी के जरिए स्थानांतरित कर रहा था। आरोपियों के आवासीय परिसरों में तलाशी के दौरान 54 लाख रुपए नकद, 8 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (मोबाइल फोन/लैपटॉप) और अपराध से संबंधित दस्तावेज बरामद किए गए।

सीबीआई ने इस मामले में तीन प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें जिगर अहमद, यश खुराना और इंदरजीत सिंह बाली शामिल हैं।

फिलहाल अपराध की आय की पहचान के लिए आगे की कार्रवाई जारी है। व्यापक नेटवर्क और अंतरराष्ट्रीय सुरागों की जांच भी चल रही है।

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