एनसीआर में बारिश का कहर, डूब क्षेत्र पूरी तरह जलमग्न, राहत कार्यों में जुटा प्रशासन

एनसीआर में बारिश का कहर, डूब क्षेत्र पूरी तरह जलमग्न, राहत कार्यों में जुटा प्रशासन

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नोएडा, 4 सितंबर (आईएएनएस)। पिछले कई दिनों से जारी लगातार बारिश ने एनसीआर की तस्वीर बदल दी है। मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।

4 से 7 सितंबर तक गरज-चमक के साथ बारिश और बादल छाए रहने की संभावना जताई गई है, जबकि 9 सितंबर तक अलग-अलग इलाकों में सामान्य से मध्यम बारिश होने की चेतावनी है।

लगातार हो रही बारिश के चलते एनसीआर का डूब क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है। नदी और नालों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिसके कारण निचले इलाकों में पानी भर गया है। कई गांव और बस्तियां प्रभावित हैं और वहां के लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं।

प्रशासन ने ऐसे प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है। जिला प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक लगभग 20,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। इसके साथ ही करीब 3,000 मवेशियों को भी सुरक्षित बाहर निकाला गया है।

प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन की टीमें तैनात हैं और जरूरतमंद लोगों तक राशन, पानी और अन्य जरूरी सामान पहुंचाने का काम लगातार किया जा रहा है।

प्रशासन की ओर से अस्थायी राहत शिविर भी लगाए गए हैं, जहां प्रभावित लोग शरण ले रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने भी विशेष सतर्कता बरतते हुए 6 मोबाइल मेडिकल टीमों को प्रभावित इलाकों में भेजा है। सभी टीम लगातार गांव-गांव जाकर लोगों का इलाज कर रही है और आवश्यक दवाएं उपलब्ध करा रही है।

बाढ़ और जलभराव की स्थिति को देखते हुए, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों की सेहत को लेकर डॉक्टरों ने लोगों को सावधान रहने की अपील की है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें।

बारिश के चलते यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हुई है और कई जगहों पर जाम की स्थिति बनी हुई है। हालांकि, प्रशासन का दावा है कि सभी विभाग समन्वय बनाकर लगातार राहत कार्यों में लगे हैं और स्थिति पर पूरी तरह नजर रखी जा रही है।

एनसीआर में बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पूरी मुस्तैदी से राहत कार्यों में लगे हुए हैं, लेकिन बारिश का सिलसिला जारी रहने से चुनौती और भी बड़ी हो सकती है।

स्पेशल रिपोर्ट

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